Bhimrao Ambedkar Speech 2024 in Hindi [Short & Long] Students, Teachers, Politicians

Bhimrao Ambedkar Speech 2024 in Hindi Long and Short for Students, Teachers and Politicians Check Messages, Quotes: डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र के महु नामक गाँव में हुआ थाI उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था और उन्होंने बचपन से ही सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का सामना किया I उनका शिक्षा प्राप्त करने का सफर कठिन रहा, लेकिन उनकी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स जैस प्रसिद्द विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका दियाI आंबेडकर जी ने भारत के संविधान के मुख्य लेखक के रूम में महत्वपूर्ण योगदान दियाI वे भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष भी रहे और संविधान के दृष्टिकोण को दलितों और पिछड़े वर्गों के हित में मजबूत किया I उनकी निति और सामाजिक दिर्ष्टि को लेकर वे एक प्रकार के सामाजिक सुधारक बन गए और उन्होंने दलितों के अधिकार और सम्मान के लिए आवाज उठाई I उन्होंने भारत के खिलाफ आवाज उठाई और उनका प्रयासों से समाज को जागरूक किया I डॉ. आंबेडकर ने संविधान के दृष्टिकोण के रूप में सामाजिक न्याय , स्वतंत्रता , समानता और भाईचारा को मज़बूती से व्यक्त किया I उनकी प्रतिभा और कार्यकुशलता ने उन्हें भारत के प्रसिद्द नागरिकों में से एक बनायाI उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई , लकिन उनकी विचारधारा हमेशा याद की जाती रहेगी , और उनका योगदान सामाजिक और न्याय के लिए अमर रहेगाI

Bhimrao Ambedkar Speech in Hindi

Dr. Bhimrao Ambedkar Speech 2024 in Hindi

भीमराव आंबेडकर पर भाषण तैयार करने से पूर्व यहाँ दिए गए तथ्य को एक बार जरूर पढ़े। इन तथ्य की मदद से आप एक बेहतर भाषण तैयार कर सकते हैं।

  • सबसे पहले डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बारे में सभी जानकारी एकत्र करे ।
  • उन सभी सुचना को अच्छी तरह से देखकर, भाषण को लिखित रूप में तैयार करें।
  • भाषण लिखते समय शब्दों का सही चयन करें।
  • भाषण की शुरुआत आप कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
  • अपने भाषण के माध्यम से दर्शको से जुड़े।
  • भाषण देने से पहले अपने लेखन को अच्छी तरह पढ़े।
  • अपनी भाषण के अंत में दर्शको को धन्यवाद् जरूर कहे I

टीचर, स्टूडेंट्स और पॉलिटिशंस के लिए भीमराव आंबेडकर भाषण हिंदी में स्पीच 1

Bhimrao Ambedkar Speech in Hindi Short : भारतीय समाज के महान नेता भीमराव अंबेडकर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपना योगदान दिया । डॉ. भीमराव आंबेडकर अनुसार, “जो व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित है, वह समाज से वंचित है” उन्होंने जातिवाद और असमानता के खिलाफ सख्त विरोध किया और समाज को एकमत और समृद्धि की दिशा में बदलने की बात की। डॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसमें समाज को सशक्त बनाने का कार्य किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर योगदान आज भी सामाजिक न्याय,और शिक्षा का एक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।

भीमराव आंबेडकर भाषण हिंदी में टीचर, स्टूडेंट्स और पॉलिटिशंस के लिए स्पीच 2 हिंदी में

Bhimrao Ambedkar Speech in Hindi Short and Long : डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल थाI और उनकी माता का नाम भीमाबाई था । डॉ. भीमराव अंबेडकर का बचपन कठिनाइयों से भरा हुआ था। डॉ. भीमराव आंबेडकर को जाति व्यवस्था के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्हें स्कूल जाने से मना कर दिया था और उन्हें बच्चों से परेशान कराया जाता था।

डॉ. भीमराव अंबेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उन्होंने अपने पिता की मदद से पढ़ाई शुरू की । उन्होंने 1897 में स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1900 में, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मुंबई के गवर्नर प्राइमरी स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने 1912 में लंदन के स्कूल में इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

भारत लौटने के पश्चात, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत में “दलितों के पिता” के नाम से माना जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने भारत को एक समान और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार और आदर्श हमारे लिए प्रेरणा हैं।

टीचर, स्टूडेंट्स और पॉलिटिशंस के लिए भीमराव आंबेडकर भाषण हिंदी में स्पीच 3

भाषण की शुरुआत
Bhimrao Ambedkar Speech in Hindi Long : डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 मैं हुआ था। उन्होंने अपने समूर्ण जीवन समाज में जातिवाद, भेदभाव और अस्पृश्यता के विरूद्ध संघर्ष किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर को उस समय से फेमिनिस्ट कहते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महिलाओ के अधिकारों के लिए बहुत योगदान दिए । आज हिन्दू कोड बिल का श्रेय डॉ. भीमराव अंबेडकर को ही जाता है ।डॉ. भीमराव एम्बेडकर को संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय लोकतंत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है ।

भारत का संविधान

29 अगस्त, 1947 को , डॉ. भीमराव अंबेडकर को, सात अन्य सदस्यों के साथ, एक स्वतंत्र भारतीय संविधान तैयार करने के लिए नियुक्त किया गया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर को समिति का अध्यक्ष भी चुना गया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान व्यक्तिगत नागरिकों के लिए स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता, अछूतों का उन्मूलन और सभी प्रकार के भेदभाव का भी शामिल है। डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के उनके प्रयास किये , यही कारण है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर जी को भारतीय दलितों का “मसीहा” कहा जाता है।

भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को पारित किया गया और संसद द्वारा अनुमोदित किया गया। भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, और 26 जनवरी को राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के खिलाफ

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान में जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के खिलाफ अनेक प्रावधान किए।और सुनिश्चित किया कि सभी भारतीयों को, चाहे उनकी जाति , धर्म कुछ भी हो, समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों।

डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से भारत में जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के खिलाफ जागरूकता बढ़ी है। लेकिन अभी भी बहुत सुधार करने की आवश्यकता है। हमें जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए कार्य करना चाहिए।

समानता के लिए अधिकार
डॉ. भीमराव अंबेडकर एक समानता के लिए लड़े। आंबेडकर का मानना ​​था कि सभी लोगों को समान अधिकार तथा अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ आवाज भी उठाई। डॉ. भीमराव अंबेडकर कानून को समानता तथा न्याय के लिए लड़ने वालों के लिए शक्ति और समर्थन का स्रोत मानते थे। संविधान सभा की समिति के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने यह कार्य निश्चित करने के लिए किया कि उनके अधिकारों तथा इन अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए उनके अधिकार को संवैधानिक रुप से सुनिश्चित किया जाए।

भाषण के अंत में
भारतीय समाज के महान नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने योगदान से तत्कालीन समाज के सुधार में कार्य किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर के अनुसार, “जो व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित होता है, वह समाज से भी वंचित होता है।” डॉ. भीमराव आंबेडकर ने जातिवाद, असमानता तथा भूमिजनग्रहण के खिलाफ सख्त विरोध किया और समाज को एकमत तथा समृद्धि की दिशा में ले जाने की बात की।

डॉ.भीमराव अंबेडकर एक महान नेता और समाज सुधारक थे। उन्होंने भारत को एक समान तथा न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया । इनके विचार और आदर्श आज भी हमारे लिए प्रेरणा दायक हैं।

Dr. Bhimrao Ambedkar Motivational Quotes, Messages, WhatsApp and Facebook Status 2024

“सफलता प्राप्त करनी हो तो खुद का खुद पे काबू पाना सीख लो “

“देश के विकाश से पहले हमे अपनी बुद्धि के विकाश की आवयश्क्ता है “

“हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय है “

“ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है “

“न्याय दरअसल स्वंतंत्रता , समानता और भाईचारे का ही दूसरा नाम है “

“बुद्धि का विकाश मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए “

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